क्या कोरोना वायरस दिमाग को नुकसान पहुंचाता है?
कोरोना वायरस संक्रमण में एक मरीज के शरीर में क्या-क्या लक्षण होते हैं यह अब भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. हालिया रिसर्च में वायरस के कारण मतिष्क में दिखने वाले प्रभावों का खुलासा हुआ है. यह शोध इस संदर्भ में महत्तवपूर्ण हो जाता है कि कोविड-19 के कई मामले ऐसे भी आए हैं जिनमें शुरुआत में खांसी और बुखार जैसे सामान्य लक्षणों की जगह मष्तिक संबंधी लक्षण पाए गए.
इस रिसर्च के परिणाम जेएएमए न्यूरोलॉजी नामक जर्नल में 10 अप्रैल को प्रकाशित हुए हैं. इसके मुताबिक मष्तिक संंबंधी लक्षण कोविड-19 के रोगियों में ‘उल्लेखनीय अनुपात’ में देखे जा सकते हैं और ये असामान्य नहीं हैं.
इसके लिए शोधकर्ताओं ने 16 जनवरी से 19 फरवरी के बीच 214 कोविड-19 मरीजों पर अध्ययन किया. इस जांच-पड़ताल में सामने आया कि कुल रोगियों में से 36.4 फीसदी में मष्तिक संबंधी लक्षण भी दिखे, जो संक्रमण से अधिक प्रभावित लोगों में सामान्य है.
शोधकर्ताओं ने इन लक्षणों को तीन कैटगरी में बांटा- पहला, मध्य तंत्रिका तंत्र में दिखे लक्षण जैसे- चक्कर, सिरदर्द, शरीर पर नियंत्रण खो देना, दौरे और सेरेब्रोवास्कुलर बीमारी. दूसरा, परिधीय तंत्रिका तंत्र में दिखे लक्षण जैसे- स्वाद और गंध की क्षमता में कमी, देखने की क्षमता में कमी और तंत्रिका दर्द. तीसरा, कंकाल की पेशियां से जुड़ी चोट.
SARS-CoV-2 वायरस ACE2 नामक मानव सेल में मौजूद रिसेप्टर से खुद को बांध लेता है. ACE2 तंत्रिका तंत्र और कंकाल की मांसपेशियां समेत अन्य मानव अंगों में भी मौजूद होता है.
कोविड-19 के कारण मरने वालों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी इसके कुछ संकेत मिलते हैं. रिपोर्ट में मष्तिक में रक्त जमाव, कोशिकाओं या ऊतकों में पानी के तरल पदार्थ का संचय और तंत्रिका कोशिका में बिगाड़ देखा गया.
हालांकि यहां सवाल ये उठता है कि क्या ये मष्तिक संबंधी लक्षण केवल SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमित लोगों में ही होते हैं.
शोध में सामने आया कि कम गंभीर मामलों की तुलना में अन्य बिमारी जैसे उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति में संक्रमण अधिक गंभीर था. साथ ही इन्हीं गंभीर मामलों में सेरेब्रोवास्कुलर बीमारी, कंकाल की पेशियों से जुड़ी चोट और शरीर पर नियंत्रण खो देने जैसे लक्षण दिखे.
शोध के मुताबिक SARS मरीजों की तुलना में कोविड 19 मरीजों में मष्तिक संबंधी लक्षण जल्दी दिखने लगे.
कोविड के कुछ मरीज मष्तिक संबंधी बीमारी के लक्षण लेकर भी डॉक्टर के पास पहुंचे, जिसमें मरीज में बुखार और खांसी जैसे लक्षण नहीं थे. शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे में हमें कोविड 19 मरीज के मष्तिक संबंधी लक्षणों पर गौर करने की जरूरत है, खास तौर से जिनमें गंभीर संक्रमण है.
द न्यू यॉर्क टाइम्स के एक आर्टिकल में लिखा था कि विशेषज्ञों ने जर्मनी, फ्रांस, ऑस्टिया, इटली और हॉलैंड में कोविड-19 मरीजों में मष्तिक संबंधी लक्षण पाए. आर्टिकल में भी इसी बात का जिक्र था कि कोविड-19 के ऐसे भी मरीज आए जिनमें खांसी या बुखार जैसे लक्षणों की जगह मष्तिक संबंधी बीमारी पाई गई. यह बात वुहान में शोधकर्ताओं द्वारा पाई गई बात से मेल खाती है.