आखिर कितना बड़ा है भारत-पाकिस्तान का मुकाबला?


india pakistan clash draw 23 cr viewers in india

 

क्रिकेट प्रशंसकों का इंतजार खत्म होने वाला है. भारत-पाकिस्तान एक बार फिर से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं, वो भी विश्व कप जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में. जब भी इन दोनों चिर-प्रतिद्वंद्वी के बीच मुकाबला होता है तो काफी पहले से ही तमाम तरह के दावे किए जाते हैं.

मसलन कितने लोग इसे देखते हैं? ये मैच सेमीफाइनल और फाइनल से भी बड़े होते हैं? क्रिकेट की जानकारी देने वाले पोर्टल ईएसपीएन क्रिकइंफो ने ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब खोजने की कोशिश की है.

क्या सच में इन मुकाबलों को 100 करोड़ लोग देखते हैं?

नहीं ये सच नहीं है. 2017 में दोनों देशों के बीच हुए चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच को करीब 40 करोड़ लोगों ने देखा था. और इसी टूर्नामेंट के लीग मैच को करीब 32 करोड़ लोगों ने देखा था.

ये 2015 के विश्व कप में दोनों टीमों के बीच हुए मुकाबले से कुछ ही अधिक थे. उस मैच को करीब 31 करोड़ लोगों ने देखा था. जबकि 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले को 49.5 करोड़ लोगों ने देखा था. ये क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मुकाबलों में दूसरे नंबर पर है.

क्या ये मैच सेमीफाइनल और फाइनल से भी बड़ा होगा?

ये हो भी सकता है, लेकिन एक शर्त पर. अगर भारतीय टीम आगे का सफर करने में नाकाम रहे तो. खैर एक बात तो सच है कि क्रिकेट को सबसे ज्यादा दर्शक भारत से ही मिलते हैं. लेकिन ये बात बिल्कुल सच नहीं है कि लोग भारत के नॉकआउट मैचों से ज्यादा उसके पाकिस्तान के साथ ग्रुप मैचों को तवज्जो देते हैं.

उदाहरण के लिए 2015 के विश्व कप में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए सेमीफाइनल मुकाबले को पाकिस्तान के साथ हुए लीग मुकाबले की अपेक्षा ज्यादा दर्शक मिले. यही नहीं भारत और श्रीलंका के बीच खेले 2011 विश्व कप के फाइनल मुकाबले को 55.8 करोड़ लोगों ने देखा. ये एक विश्व रिकॉर्ड है.

क्या इस विरोध के चलते प्रतिस्पर्धा खो चुकी है?

इस बात पर भावुक टिप्पणियां करने से बेहतर है कि हम आंकड़ों पर बात करें. बीते 10 सालों में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 14 मुकाबलों में से भारत ने नौ मुकाबलों में जीत दर्ज की है. जिनमें से छह मैचों में जीत का अंतर 50 रन या फिर पांच विकेट से ज्यादा रहा है. यही नहीं पाकिस्तान ने जो मुकाबले जीते हैं वो मैच भी एक तरफा ही रहे हैं. इनमें चैंपियंस ट्रॉफी की 180 रनों वाली जीत भी शामिल है.

जबकि दूसरी ओर भारत और इंग्लैंड के बीच हुए मुकाबलों की बात करें तो यहां 12 मुकाबले हुए हैं. जिसमें से दोनों ने छह-छह में जीत दर्ज की है. इन दोनों के बीच पिछली दो सीरीज बहुत रोमांचक रही हैं. इस दौरान हुए मुकाबले काफी कड़े रहे हैं.

क्या भारत-पाकिस्तान के बीच हाल का कोई मुकाबला टक्कर का रहा है?

इसके लिए आपको 2014 में जाना पड़ेगा. यहां एशिया कप के एक मुकाबले में पाकिस्तान ने अंतिम ओवर में 13 रन बनाकर जीत दर्ज की थी. इस मैच के आखिरी ओवर में शाहिद अफरीदी ने दो छक्के मारे थे.
इसके अलावा 2013 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज हुई थी. जिसमें दिल्ली में हुआ मैच काफी नजदीकी रहा था.

क्या भारतीय टीम पाकिस्तान से बहुत ज्यादा मजबूत है?

अगर पसंद की बात करें तो भारतीय टीम 2017 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में पसंदीदा टीम थी, लेकिन हुआ क्या? एकदम एकतरफा मुकाबले में पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों से हरा दिया. लेकिन फिलहाल भारतीय टीम काफी मजबूत है, इसमें कोई दो राय नहीं हैं.

पिछली 12 सीरीज में से भारतीय टीम 10 सीरीज जीतने में सफल रही है. लेकिन पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं है. उसने चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से आठ सीरीज खेली हैं, जिसमें से सिर्फ दो में जीत दर्ज कर सकी है.

अगर विश्व रैंकिंग की बात करें तो भी पाकिस्तान, भारत से 29 रेटिंग अंक पीछे है. ये उतना ही है जितना 10नें नंबर की टीम अफगानिस्तान, पाकिस्तान से.

चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से पाकिस्तान के साथ क्या गलत रहा?

टूर्नामेंट में उनकी टीम के स्टार रहे हसन अली गेंद के साथ बुरे दौर से गुजरे. इसके बाद से उनका औसत 90.6 का रहा. और प्रति ओवर के हिसाब से उन्होंने 6.32 रन खर्चे.

बीते साल उनके स्टार गेंदबाज मोहम्मद आमिर का प्रदर्शन भी बहुत बुरा रहा. इस दौरान उनका औसत 100 से ऊपर रहा. आमिर का विश्व कप के लिए चयन ही खटाई में पड़ गया था.

उनका बल्लेबाजी क्रम भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका है. पूरी टीम ऊपर के तीन बल्लेबाजों पर निर्भर रही है. हद तो ये है कि मध्यक्रम का कोई भी बल्लेबाज 36 के औसत से ऊपर नहीं जा सका है.

खैर इस विश्व कप के दौरान आमिर अच्छा कर रहे हैं. बीते मैच में उन्होंने 30 रन देकर पांच विकेट हासिल किए. वहीं हफीज और सरफराज भी फार्म में वापसी करते नजर आ रहे हैं.


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