विश्व कप: अपनी टीम को चीयर करने के लिए तैयार है अफगानिस्तान
ICC
क्रिकेट ना केवल भारतीय खेल प्रशंसकों में जोश और उत्साह भरता है बल्कि दुनिया भर के अलग-अलग देशों में भी खेल के प्रशंसकों की कमी नहीं है.
अफगानिस्तान के लोग इन दिनों काफी उत्साहित है. वजह है-अफगानिस्तान की टीम ने ब्रिस्टल में पाकिस्तान के खिलाफ वार्म अप मैच में अच्छा प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की थी.
इस जीत के साथ ही देश के लोगों में जोश भर गया है और यही वजह है कि वो सभी चीजें भूलकर फिलहाल टूर्नामेंट में अपने खिलाड़ियों को चीयर करना चाहते हैं.
देश की राजधानी काबुल में रहने वाले एक व्यापारी इस्माईल अहमदजई ने अल जजीरा से बातचीत में कहा, “टीम से हमारी उम्मीदें काफी ज्यादा हैं, अभी वो काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “क्रिकेट हमारे देश में बेहद जरूरी है क्योंकि यहां लोग लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध से परेशान हो चुके हैं. हमने कोई ऐसी गतिविधि नहीं देखी जिसकी वजह से लोग खुश हों, वो एक साथ आएं. काफी समय बाद इस टूर्नामेंट की वजह से लोग काफी खुश हैं.”
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) की स्थापना 1995 में हुई थी. अभी केवल दो दशक ही हुए हैं और अफगानिस्तान विश्व की 12 टेस्ट टीमों में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई.
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान गुलबदीन नायब ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा,”आज मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. जब में पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि आज हम कितना दूर आए हैं.”
उन्होंने कहा, “ये केवल एक खेल नहीं है. ये हमारा अपने देश के लिए प्यार और क्रिकेट के लिए जुनून है. आज इसी की वजह से हम यहां पहुंचे हैं.”
28 वर्षीय नायब उन 10 लाख अफगानी लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने पाकिस्तान में शर्णार्थी की तरह जिंदगी बिताई है. उन्हें क्रिकेट के लिए जुनून और प्यार पाकिस्तान से ही मिला.
80 और 90 के दशक में सोवियत आक्रमण और गृह युद्ध के चलते करीब 30 लाख अफगान लोगों ने देश छोड़ दिया था.
अफगानिस्तान ने हाल ही में इतिहास रचते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली जीत दर्ज की है. मार्च में टीम ने आयरलैंड की टीम को टेस्ट क्रिकेट में शिकस्त दी है.
अफगानिस्तान के बॉलर राशिद खान टी20 वर्ल्ड रैंकिंग में फिलहाल टॉप पर हैं. जबकि ओडिआई में राशिद तीसरे नंबर पर हैं.
तालिबान पर अमेरिकी आक्रमण के बाद राशिद के परिवार ने देश छोड़ दिया था और वो पाकिस्तान चले गए थे. राशिद ने पाकिस्तान ही में क्रिकेट सीखा है.
देश में स्वतंत्र चुनाव आयोग के एक कर्मचारी कहते हैं, “मैं उम्मीद करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि अफगान के शेर खासकर मेरा पसंदीदा राशिद खान वर्ल्ड कप में ज्यादा से ज्यादा टीमों को हराए.
अफगान लोगों ने बीते समय में काफी कुछ झेला है और क्रिकेट यहां के लोगों को नई उम्मीद देता है.”
भारत का सहयोग
अफगानिस्तान क्रिकेटरों के लिए भारत उनके दूसरे घर की तरह है. वजह है कि भारत ने उन्हें उत्तर प्रदेश में खेल सुविधाओं का लाभ उठाने की छूट दी है.
एसीबी के पूर्व अध्यक्ष शफीक स्टैनिकजई ने बताया, “बीते साल अफगान खिलाड़ियों ने पाकिस्तान में प्रैक्टिस की लेकिन ग्रेटर नोएडा के क्रिकेट ग्राउंड में खेलने के बाद उनके खेल में काफी सुधार आया है. शुरुआती दौर में हमने पाकिस्तान में ही ट्रेनिंग हासिल की थी. उनका साथ भी काफी महत्तवपूर्ण रहा है.”
वो कहते हैं, “जब से खिलाड़ियों ने भारत में खेलना शुरू किया है तब से उनके खेल में काफी सुधार आया है.”
वर्ल्ड कप में आफगानिस्तान टीम की सबसे बड़ा प्रायोजक अमूल (आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड) है.
वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान का आज पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ है.